Wednesday, November 23, 2016

NIBIRU A NEW PLANET- X coming towards Earth very speedily

Latest divine realization
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                    Nibiru coming down very speedily towards us. A divine realization in inner divine universe during meditation.


Special Information No- 4.
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              Is It may be possible as we realize in (No-4) image ?  In this image we realized that No-3 image is pulling down and settled on the surface of the image No-4. Here is some thing special in No-4, It seems Earth is stable and Flat and there is no activities in it, while No-3 is circulating very speedily like a galaxy.
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Das Anudas Rohtas
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विशेष:---ऊपर दर्शाया गया चित्र हमने ध्यान में अपनी भृकुटि के मध्य जो Internal Divine Universe है उसमें दिव्यता के आधार पर दिव्य नेत्रों दू्ारा बिल्कुल साफ साफ अनुभव हुआ है, जो इस प्रकार है ।

                  अब हम इसे जो इस अद्धभुत अति सुन्दर इमेज को जो ऊपर 4.अंकों में दर्शाई गई है इमेज के माध्यम से इसकी हिन्दी में व्याख्या करना चाहेंगें जो इस प्रकार है।

१.        जैसा के साफ दिखाई दे रहा है यह New Planet-x बहुत तीव्र गति से नीचे की ओर ब्रह्मांड को चीरता हुआ जिसकी दोनों किनारे अप्पर जोन में गैसों को टकराने से भयंकर आग पैदा हो रही है पृथ्वी की तरफ बढता दिखाई दे रहा है जिसके ऊपर दोनों ओर आग की लपटें दिखाई दे रही हैं।

२.         यहां साफ दिखाई दे रहा है कि आते आते इसका आकार बढ गया है जिससे इसकी गति भी बढ गई और दो की बजाए अब इसके पीछे ऊपर की और आग के शोले की बहुत बडी एक लो दिखाई दे रही है।

३.         अब तेज गति मे चक्र काटते काटते यहां इसने  न. ३. में   Galaxy का रूप धारण कर लिया या फिर पहले से कोई Galaxy यहां पर मोजूद होगी जिससे आकर यह निबरू टकराया जो साफ दिखाई दे रहा है जो बहुत तेजी से चक्र लगाती हुई नजर आ रही है जो ऊपर की ओर सफेद रंग की गैस छोडती हुई, देखने में बहत सुंदर नजर आ रही है और इसके ठीक मध्य मे Dark- Brown रंग का निबरू नजर आ रहा है Galaxy +Nibiru दोनो यहां ठीक कुम्हार के चाक की तरह बहुत तीव्र गती से चक्कर काटते हुए नजर आ रहे हैं।

४.          अब यहां पर विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि यहां पर उपर्ओक्त ३ न. इमेज ज्यों की त्यों चक्र. काटती हुई Galaxy+Nibiru समेत एक  पृथ्वि जैसे ग्रह पर जो अपनी जगह पर बिल्कुल स्थिर है, अचल है, के ऊपर आकर मानो टकरा जाती है। और स्थापित सी हो जाती है लेकिन विशेषता यह है कि ऊपर का हिस्सा Nibiru +Galaxy तो दोनो बहत तेजी से circulating कर रहा है जबकी निचे का पृथ्वि जैसा ग्रह अब भी यहां पर अपनी जगह पर अचल रूप मे विराज मान है।
यह सब हमने ध्यान मे श्री परमपिता प्रमात्मा की असीम कृपा से अन्तर्मुखी होते हुए भृकटि के मध्य में जो दिव्य ब्रह्मांड है उसमें अनुभव हुआ है यह कोई अन्य धरा या कोई New पृथ्वी or New Shristi भी हो सकती है, जिसे हमनेआप तक इस चित्र के सहायता से पहुंचाने का प्रयास किया है जो बिल्कुल सत्य अनुभव है सो मानवता को समर्पित है।
" आध्यात्मिक सच्चाई "
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दास अनुदास रोहतास
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" Nibiru a new planet X, I saw with my open eyes in" 1992.
विशेष:---                                                                    
               आदर्णिय परम स्नेही भग्त जन व परम स्नेही मित्रों, जिस Nibiru देवता का सूर्य देवता के गर्भ में सन् 1992 से भी पहले से सृजन हो रहा था, अब वह उस गर्भ अवस्था से बाहर हमारे अद्धभुत सुन्दर ब्रह्मांड में प्रवेश हो चुका है, जिसे वैज्ञानिकों के अनुसार भी सूर्य देवता की बाहरी परिधि में व सूर्य देवता के आस पास, अपनी रंग-बिरंगी, हरी, नीली, लाल पीली रंगों में छंटा, बिखेरता हुआ क्रमष: साक्षात अनुभव किया जा रहा है! हमने इसे Spiritually, 9-15 am पर 25-1-17, को भी ध्यान में internal divine universe में अनुभव किया है। आज जैसे ही यह iinternal divine universe में ध्यान में आसमान में नजर आया, एकदम, समस्त आसमान कुछ समय के लिये Blue-Green रंग से प्रकाशित हो उठा।
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" It seems, Nibiru may be more Powerful than any other planets in Universe."
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We show it with the help of a Video given below


https://youtu.be/eKEcXiasbJc
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  Hole:---    
                    We observed during meditation a great Hole in internal divine universe at 10-30 am on 29-11-2016 which we show with the help of a image giving below.

Speciality of this hole is:-
      1.  It is Stable.
      2.  There is no circulation in it
      3.  It is a direct downward flow of its currents
      4.  It may be dangerable and shockful Hole.😢 😢
                         
                                     OM SHANTI


OM SHANTI SHANTI OM

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                                          Das Anudas Rohtas

Saturday, November 19, 2016

सादर प्रणाम

                                        सादर प्रणाम
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                              लिखवाने वाले भगवान हैं,
                                    लिखवा   रहे   दिन   रैन।
                              लोग  भ्रम   हम  पर  करें,  
                                    ताको       नीचे        नैन।
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                  * INCARNATED SUPREM SOUL *
                               SHREE ROHTAS JI
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                              आदर्णिय परम स्नेही भग्त जन व मेरे प्रिय: दोस्तो, बचपन से लेकर आजतक, अपने समस्त जीवन में जो दिव्य अनुभव हमें प्रभू की विशेष कृपा होने पर मिला, उसे Blogger पर 8-7-1951 से लेकर 21-11-2016 तक जो Internal Divine universe में विशेष भग्ति दू्ारा दिव्य अनुभव तथा इस भोतिक संसार मे जो भोतिक अनुभव हुआ ग्रह उप- ग्रह Galaxy आदि का और भग्वत कृपा दू्ारा सुन्दर दिव्य दर्शन पाने का और भगवान के सभी दिव्य निराकार और साकार रूपों का जो हमें साक्शात अनुभव हुआ और ध्यान अवस्था में भगवान की कृपा से जो दिव्य लीला का आनन्दमयी रसपान करने का जो इस जन्म में हमें शुभ अवसर प्राप्त हुआ, सभी अनुभव लिख कर व चित्रित कर, आप सब तक अपने लेखों दू्ारा पहुंचाने का प्रयास किया है, ताकि आने वाले समय में भी परम भग्त अध्यात्मिक जगत में हमारे इन लेखों को वव्यक्तिगत अनुभव दू्ारा अपने जीवन की गहराई में उतार कर और सभी भगवान के परम भग्त इस अद्धभुत दिव्य ज्ञानमयी अनुभवों का रसपान कर, अध्यात्मिक जगत में उन्नति प्राप्त कर, अपने जीवन को आनन्दित कर, परम शान्ती को प्राप्त कर सकें। यह अनमोल अद्धभुत दिव्य ज्ञान एक धर्मनिर्पेक्ष ज्ञान है जो आज से अध्यात्मिक जगत के  समस्त प्राणियों व समस्त  मानव जाति को अपने दिव्य अनुभवी लेखों दू्ारा समर्पित कर रहा हूं इनमें लिखने में अगर कोई त्रुटि रह गई हो के लिये माफी चाहूंगा।
                             परम स्नेही भग्त जन आप को विश्वास दिलाना चाहूंगा कि भगवान ने हम पर विशेष कृपा कर अपनी समस्त दिव्य लीला, दिव्य अनुभूतियां, तीनों लोकों का दिव्य अनुभव अवलोकन हमारे शरीर के एक अति सूक्षम स्थान, मात्र एक रोम में ( We realized Shristi and all divine activities only in the root of a hair, a miner place as dot in the Bhirkuty, divinaly, during meditation in Internal Divine Universe.) भृकुटि के मध्य में अनुभव करवाने का और बहुत सुन्दर रूप से अमृत रसपान करवाने का इस जीवन में शुभ अवसर प्रदान करवा, हमें कृतार्थ किया है, हम भगवान के हर जन्म में बहुत आभारी हैं, और रहेंगे।
                              यह सभी दिव्य लेख जो हमने दिये हैं यह तो सब हमने आप सबके सामने बहुत संक्षिप्त में वर्णन किया है केवल एक इशारा मात्र है और जो हमारे पूर्वजों दू्ारा दिये गये अच्छे संसकारो की देन है।जिनका आशिर्वाद होने पर, भग्वत् कृपा होने पर ये दिव्य अनुभव होने का शुभ अवसर इस जन्म में हमें मिल सका। हमारे Grand-Father का नाम श्री हरिश्चन्द्र जी था भगवान के परम भग्त थे। हमारे परिवार के एक बुजर्ग ने हमें बतलाया कि बेटा एक बात मैं आप को बताना चाहता हूं " कि आपके बाबा जी ने मुझे बतलाया कि रोहतास जो श्री मनोहर लाल जी का लडका, हैं वह एक अवतारी पुरुष हैं, उन्होने कहा आजतक इसके बारे में मेरे शिवा किसी को नहीं पता, बोला, हमने आज आपको ही बतलाया है।" हमने बोला ठीक है साहिब जी। हमारे पास और भी बहुत अनुभवि दिव्य महापुरुष, योगी पुरुष, सन्त, महात्मन्, इधर उधर से आए हैं और इस विषय के बारे हमें अवगत कराया जो अनुभव करने पर तकरिबन हमने सही पाया। अब यह सब दिव्य अनुभव हमने अाप सबके  समक्ष रख दिये हैं। वर्णित  दिव्य अनुभव हमने अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखे हैं जिनमें एक-एक शब्द बहुत सोच समझ कर लिखा गया है अब आप सभी विष्व के परम स्नेही भग्त जन, इन दिव्य लेखों को अपने जीवन में जैसा मर्जी चाहे लेना।
                   
विशेष:-----
                          * सूक्ष्म दू्ारा सूक्ष्म का अनुभव "
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                           " भगवान ने हमें भृकुटी के मध्य में मात्र एक Dot सूक्ष्म-बिन्द, अति सूक्षम, अदि-स्थान, में सम्पूर्ण दिव्य सृष्टि धारण करने की परमकृपा प्रदान की हुई है। जिसमें हमे दिव्य लीला अनुभव करने का और भगवान के दिव्य रूपों को अवलोकन करने का और Internal Divine Universe में दिव्य ग्रह उप-ग्रह Hole, Star, Galaxy, और होने वाली हलचल भी, हम अपने दिव्य नेत्रों दू्ारा ध्यान अवस्था में जो अपने बचपन से देखते आ रहे हैं समस्त सृष्टि की दिव्य गति विदियां, सुन्दर से सुन्दर मनोहारी दिव्य दृष्यों को अवलोकान कर परम आनन्द की प्राप्त करने का शुभ अवसर प्रदान किया हुआ है। जो परम शान्ती का प्रतीक है।
                            हम भगवान से प्रार्थना करते हैं यह दिव्य कृपा विष्व के सभी परम स्नेही भग्त जनों पर भी हो, ताकि सब को आपकी दिव्य लीला अवलोकन करने का शुभ अवसर प्राप्त हो सके और आपको भलीभांति खोजकर, परमानन्द की प्राप्ती कर, आपको समर्पित होते हुए, आपकी शरण प्राप्त कर, आप जी के शुभ चर्णों का रसपान करते हुए,  परम आनन्दित होते हुए, परम शान्ती को प्राप्त कर सकें, जो मानव जीवन का एक मुख्य उद्धेश्य है।
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 Important:-----
                          Self realization is very compulsorry in realizing in internal divine Universe for Divinity & Spirituality. It is very difficult " TO SHOW OTHERS " divine Realization. There is Value of SELF-REALIZATION in Divinity and Spirituality.

   "  Spiritual Truth  "
   
                                Jai Hindh -  Jai Bharat
                               
                                                 Das Anudas Rohtas

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Thursday, November 17, 2016

Monday, November 7, 2016

* WHAT A WONDERFUL DIVINE GALAXY IT IS IN MEDITATION! *

     " How a Wonderful Scene of Divine Galaxy "
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                                 JANNAT IS HERE
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                  We observe very beautiful divine Galaxy in very attractive and charming colours circulating around the Adhisthan in internal divine universe, at 9-30 am on 7-11-2016. Some planets are shining like Stars in it liking very graceful and touching my Heart, which we show with the help of some images giving below.

         Do you know what will be happened if Shristi chakra or galaxy cycling will be paused (stop) for few moments in space ? As show in image no:-1.

1. In Stable Position:-

             " How a beautiful divine Galaxy "                        
                       

 
2.  In circulating position very critical   :-
       
                            Here this galaxy circulating critically, because one thing is going to happened in its circulation, it leaving behind some stable space Into the center of yellow colour space and then re-start circulating around adhisthan after some Moments of pause of imge no.1.
" It may be New Shristi "



3.  In converting position:-
         After few minutes Here galaxy converting dangersbly itself in Left side. its may be Supreme Spiritual and Scientific Divine Knowledge," BARHAM- GIYAN " and latest divine realization in internal divine Universe during standing meditation. We never thought about it the day will come in our life God bless us showing this beautiful divine and Miracle Galaxy in our inner divine universe. We are very thankful to God every time.


Universal Truth

           Thanks God
   
                                            Das Anudas Rohtas

   
                     

Wednesday, November 2, 2016

* Please Learn To Appreciate The Present *

                     Please appreciate the Present
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                                     Das Anudas Rohtas

* GOD HAS CONTINUALLY RECEIVED *

 God has continually received
We have to Experience
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                                       Das Anudas Rohtas

Tuesday, November 1, 2016

APPEARIENCE OF GOD

                            APPEARIENCE OF GOD
                    Om Namo Narayana Om Namo
                              Manusham Roopam


        " Om Namo Bhagwatey Shree Vasudevaye "
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                  यदा यदा  ही  धर्मस्य. ग्लानिर्भवति भारत ।
                  अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
                  परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
                  धर्मसंस्थापनार्थाय  सम्भवामि   युगे   युगे॥

                  Respected True divotee of God, an explaination accoding to sweet song singing, by Lord Shree Krishna in Dwapar Yuge, that, whenever there  declines of righteousness on this Holly Land, and unrighteousness is in the ascendant, then, He appeared between all of us  again and again, Age to Age, in this beautiful Shristi for the protection of the virtuous, and for destruction of evil doors and for establishing Dharma (righteousness) on a firm feeting.

                 So, The Almighty God now appeared, in this wonderful World and has been Manifisted in action, in His Charming and in His very beautiful simple living embodiment of divine Form, Sacshat, and  has been reveals, at 9-17 pm in 1996, in my bedroom.  We observed Him with my open eyes and after blessing me kindfully, desappeared divinly.

               We observe some planets, Galaxies and blue Hole, many time, stiring in the open Universe and in our internal divine universe. First of all  We observe with my open eyes a Planet NIBIRU circulating in inside of the SUN Like A Pandulom in a Clock,  Left and Right in half Round.

                Once SUN- GOD Blessed me showing His divine three Forms In diffrent shade of colour like Blue, White and Pink which we observe with my open eyes. We Show it in a image.

                Once we saw Divine Miracle Star in the sky with my open eyes in Evening at 8-00 pm. This Wonderful Star looking very beautiful with divine Yellow Ring.

                 We observe many wonderful divine changing and very stir in the planets in internal divine universe with my divine third Eye during meditation. We give All these explainations for the welfaire of my fellow-being and all devottes of God, and for all the people in this wonderful World. So that it seems that there will be happened some thing divinely near by in future. And so that we all should be alert in the world.  All these spiritual and divine explainations giving in side "avtaripurushrohtas.blogspot.com" or internet are true and my self divine realizations.

" Whatever my experience is all that secularism ".
                 Namaskar, Jai Hindh, Jai Bharat.




                                                Das Anudas Rohtas